छत्तीसगढ़ में ज्यादातर लोग कृषि कार्य से जुड़े हुए हैं ,परन्तु मछली पालन आय का अच्छा स्त्रोत होने के कारण बहुत से लोग मछली पालन जैसे कार्यों में लगे हुए हैं। छत्तीसगढ़ मछली पालन व्यवसाय के विकास के लिए अनुकूल है क्योंकि यहां नदी ,बांध ,तालाबों की अधिकता है,यही कारण है कि मछली पालन व्यवसाय में बहुत से लोग जुड़े हुए हैं।
छत्तीसगढ़ शासन भी मछली पालन व्यवसाय को बढ़ावा देना चाहती है , इस लिए मछली पालन के साथ -साथ मछली पालन व्यवसाय के जुड़े वस्तुओं ,औजारों के लिए लोन मुहैया कराती है। नाव ,जाल ,मछली बीज संवर्धन ,मत्स्य पालन आदि के लिए लोन लिया जा सकता है।
छत्तीसगढ़ में कम लागत में ज्यादा आय प्राप्त करना है तो मछली पालन का व्यवसाय सबसे बढ़िया है ,परन्तु मछली पालन व्यवसाय से जुड़ी जानकारी के आभाव में बहुत से लोग ,इस ओर ध्यान नहीं देते हैं। आज हम आपको मछली पालन व्यवसाय को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा जो प्रावधान किये गए है ,उन सब के बारे में आपको विस्तार से बताते हैं।
यदि आप इस व्यवसाय से होने वाले आय के बारे में जानना चाहते हैं या सरकार द्वारा इस योजना के लिए कितना सब्सिडी दिया जाता है जानना चाहते हैं तो आपको इस पोस्ट को ध्यान से पढ़ना होगा। हमारे पाठकों द्वारा भी छत्तीसगढ़ में मछली पालन लोन योजना के संबंध जानकारी चाहा गया था।
फ्रेंड्स ,मछली पालन व्यवसाय आय का एक अच्छा स्त्रोत है ,यदि आप छोटे रूप में मछली पालन करना चाहते हैं तो आप अपने घर पर रहते हुए अपने खेत (डबरी ) का गहरीकरण कर मछली पालन कर सकते हैं। खेत गहरीकरण के लिए भी शासन से अनुदान प्राप्त होता है या लीज पर भी डेम ,तालाब को ले सकते हैं , यदि आप बड़े -बड़े जलाशयों ,नदियों में मछली पालन करते हैं हैं तो आपको नाव ,जाल जैसे संशाधनों की आवश्यकता होगी ,इसके लिए शासन द्वारा अनुदान स्वीकृत किया जाता है।
मछली पालन लोन योजना छत्तीसगढ़
छत्तीसगढ़ शासन द्वारा प्रदेश में मछली पालन व्यवसाय को बढ़ावा देने के उद्देश्य से मछली पालन से जुड़े वस्तु /साधन खरीदने के लिए लोन का प्रावधान किया गया है ,जिससे इस व्यवसाय से जुड़े लोगों को रोजगार मिल सके तथा मछली पालन व्यवसाय को प्रोत्सान मिल सके। मछली को पौष्टिक आहार माना जाता है।
📙मछली पालन प्रशिक्षण –
👉10 दिवसीय विभागीय प्रशिक्षण -इस योजना के तहत प्रदेश के सभी मछुवारों को आधुनिक तकनीक का प्रशिक्षण दिया जाता है। इस प्रशिक्षण में जाल बनाने तथा नाव चलाने का प्रशिक्षण दिया जाता है ,जिसका खर्च शासन द्वारा वहन किया जाता है।
👉राज्य के बाहर अध्ययन भ्रमण -इस योजना के अंतर्गत राज्य के बाहर आधुनिक तकनीक से हो रहे मछली पालन से परिचित कराने के लिए राज्य के बाहर भ्रमण पर ले जाया जाता है। इस भ्रमण का खर्च भी शासन द्वारा वहन किया जाता है।
👉मत्स्य पालकों के लिए तीन दिवसीय रिफ्रेशन कोर्स -इस योजना के अंतर्गत राज्य के मत्स्य पालकों को तीन दिवसीय प्रशक्षण दिया जाता है ,जिसमे आधुनिक तकनीक के साथ साथ फिल्ड विजिट भी कराई जाती है ,इस योजना के अंतर्गत प्रति लाभार्थी 1000 रुपये के दर से शासन द्वारा व्यय किया जाता है।
👉मछली पालन प्रसार -आदिवासी उप योजना तथा विशेष घटक योजना के तहत ताजे पानी में पलीकल्चर -हजायिंगापालन एवं आलंकारिक मत्स्य पालन के विकास मछुआरों को तालाब में मत्स्य बीज स्पान सवर्धन ,नाव जाल क्रय फुटकर ,मत्स्य विक्रय आदि 7 प्रकार के उप कार्यक्रम को शामिल किया गया है ,इस यजना के अंतर्गत ह्जयिंगापालन हेतु 15000 तथा सजावटी मत्स्योद्योग योजना हेतु 12000 की सहायता हितग्राहियों को दी जाती है।
📙मछुआरों को लोन तथा वित्तीय सहायता matsya palan subsidy cg
👉झिंगापालन -झिंगापालन के अंतर्गत अलग -अलग मद से तीन वर्षों में कुल 15000 की सहायता अनुदान दिया जाता है।
👉नाव व जाल हेतु आर्थिक सहायता -इस योजना के अंतर्गत आदिवासी तथा सामान्य वर्ग के मछुआरों को नाव व जाल हेतु 10000 रूपये का अनुदान लाभार्थी को दिया जाता है।
👉मत्स्य बीज पालन पर सहायता -इस योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाती /अनुसूचित जनजाति के मछुआरों को मौसमी तालाब में मत्स्य बीज संवर्धन के लिए स्पान संवर्धन कराकर फ्राई -फिंगरलिंग प्राप्त करने के लिए 30000 रूपये का अनुदान दिया जाता है।
👉नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में अंगुलिका संचयन पर अनुदान-इस योजना के अंतर्गत नक्सल प्रभावित क्षेत्र बीजापुर तथा दंतेवाड़ा जिले के तालाबों में शतप्रशित अनुदान पर 5000 अंगुलिका संचयन का प्रावधान रखा गया है।
👉अंगुलिका संचयन पर अनुदान -इस योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति ,अनुसूचित जनजाति व सामान्य वर्ग के मछुआरों को तालाबों में 50 % अनुदान पर अंगुलिका क्रय कर संचयन हेतु 2000 /- अनुदान 5 वर्ष तक दिए जाने का प्रावधान है।
👉मत्स्य बीज उत्पादन के लिए सहायता -मत्स्य बीज उत्पादन कार्य के लिए मत्स्य बीज उत्पादनकर्ता द्वारा प्रजनक क्रय पर 45/- प्रतिकिलो अथवा कुल राशि का 30 % जो कम हो प्रजनक उत्पादनकर्ता को प्रोत्साहन के रूप में सहायता दिया जाता है।
👉फुटकर मछली पालन विक्रय पर सहायता -इस योजना के अंतर्गत अनुसूचित जाति ,जनजाति तथा सामान्य वर्ग के मछुआरों को आइस बॉक्स ,तौल मशीन आदि क्रय पर 6000 रूपये प्रति लाभार्थी दिए जाने का प्रावधान है।
📙बैंक से लोन –
इन सब सब्सिडी के आलावा यदि आप चाहें तो बैंक से भी लोन ले सकते हैं ,बैंक से लोन लेने के लिए आपको सीधे बैंक में जाकर सम्पर्क करना होगा। स्वयं के तालाब या लीज से लिए हुए तालाब दोनों में बैंक चाहे तो लोन सेंशन कर सकता है। आप चाहें तो प्रधानमंत्री मुद्रा लोन के तहत भी बैंक से लोन ले सकते हैं।
📙मछली पालन योजना के बारे में अधिक जानकारी के लिए निम्न स्टेप का पालन करें –
1.अपने एंड्राइड मोबाइल से agriportal.cg.nic.in टाइप कर सर्च करें।
2.कृषि विभाग छत्तीसगढ़ के वेबसाइट पर जाएँ।
3.यदि इरर शो होता है तो पहले advance फिर proceed to agriportal.cg.nic.in पर क्लिक करें।
4.कार्यक्रम एवं योजनाएं पर क्लिक करें फिर राज्य पोषित पर क्लिक करें
5. मछली पालन विभाग के लोगो पर क्लिक करें।
इस प्रकार मछली पालन से संबंधित सब्सिडी के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। योजना का लाभ लेने के लिए आपको अपने नजदीकी मत्स्य पालन विभाग से सम्पर्क करना होगा ,तथा फॉर्म आदि संबंधित कार्यालय से प्राप्त कर सकते हैं। फ्रेंड्स ,वर्तमान में सब्सिडी के लिए अप्लाई करने हेतु ऑनलाइन सुविधा विभाग द्वारा प्रदान नहीं किया गया है।
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फ्रेंड्स ,यह जानकारी प्रदेश के ऐसे युवा जो बेरोजगार हैं या मत्स्य पालन करना चाहते हैं ,उनके लिए यह जानकारी उपयोगी हैं ,इस जानकारी को लोगों को अधिक से अधिक शेयर जरूर करें ,यदि योजना से संबंधित कोई जानकारी चाहते हैं या आपको यह जानकारी उपयोगी लगा हो तो हमें अपना विचार निचे दिए कमेंट बॉक्स में लिखकर भेज सकते हैं। धन्यवाद
सर मै भी मछली पालन करना चाहता हूं एक एकड के प्लाट है बोर मसीन है खेत में कितना लोन मिल जाता है
Bhimsonwani