दुकान के लिए लोन (st) छत्तीसगढ़ | शहीद वीर नारायण सिंह स्वावलंबन योजना

हेलो दोस्तों, छत्तीसगढ़ के युवाओं के हित से जुड़ी योजनाओं की जानकारी के क्रम में एक नई जानकारी के साथ एक बार फिर से आपका हमारे वेबसाइट पर स्वागत है। आज हम आपसे छत्तीसगढ़ के अनुसूचित जनजाति संवर्ग के युवाओं को आत्मनिर्भर बनाने के उद्देश्य से शुरू किए गए शहीद वीर नारायण सिंह स्वावलंबन योजना की जानकारी साझा करने जा रहे हैं।

छत्तीसगढ़ के महान क्रांतिकारी शहीद वीर नारायण सिंह के नाम से शुरू किए गए शहीद वीर नारायण सिंह स्वावलंबन योजना के अंतर्गत अनुसूचित जनजाति वर्ग के असहाय,साधन विहीन व्यवसाय के इच्छुक युवाओं को प्रशिक्षित कर आर्थिक रूप से समर्थ बनाने और उनका आर्थिक उत्थान करने के उद्देश्य से यह योजना शुरू की गई है।

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शहीद वीर नारायण सिंह स्वालंबन योजना-

अनुसूचित जनजाति के साधन विहीन व्यवसाय के इच्छुक युवाओं के लिए छत्तीसगढ़ शासन द्वारा शुरू किए गए यह एक महती योजना है। इस योजना के अंतर्गत व्यवसाय के इच्छुक अनुसूचित जनजाति वर्ग के युवाओं को छत्तीसगढ़ राज्य अंत्यावसाई सहकारी वित्त एवं विकास निगम द्वारा अधिकतम ₹200000 ऋण के रूप में प्रदान की जाती है, जिसमें निमित्त भुगतान पर 75% राशि अनुदान के रूप में दिया जाता है।

शहीद वीर नारायण सिंह स्वालंबन योजना का उद्देश्य-

शहीद वीर नारायण सिंह स्वालंबन योजना के अंतर्गत आर्थिक रूप से पिछड़े हुए अनुसूचित जनजाति वर्ग के असहाय व्यक्ति जो स्वयं का व्यवसाय स्थापित करना चाहता है किंतु उनके पास कोई व्यवसाई पृष्ठभूमि नहीं है, अथवा स्वयं के साधन एवं पूंजी नहीं है उन्हें आर्थिक योजनाओं में प्रशिक्षण साधन एवं पूंजी उपलब्ध कराते हुए व्यवसाय शुरू करने में सहयोग किया जाता है ताकि वह समाज की मुख्यधारा से जुड़े और व्यवसायिकता कि ओर प्रोत्साहित हो।

शहीद वीर नारायण सिंह स्वालंबन योजना के लिए पात्रता-

  1. आवेदक का वार्षिक आय ग्रामीण क्षेत्र में ₹98000 एवं शहरी क्षेत्र में ₹120000 से अधिक ना हो।
  2. अनुसूचित जनजाति का व्यक्ति जिसका उम्र 18 से 45 वर्ष के मध्य हो।
  3. 150 वर्ग फीट अधिकतम आकार का दुकान निर्माण हेतु भूमि हो जो स्वयं या विधिवत तरीके से खरीदा गया या दान से प्राप्त भूमि हो सकता है।
  4. किसी भी संस्था सेजल आदि का कर्जदार ना हो।
  5. आवेदक अनुसूचित जनजाति प्राधिकृत क्षेत्र का निवासी हो।
  6. आवेदक कम से कम आठवीं पास हो महिला और दिव्यांग व्यक्ति को प्राथमिकता दिया जाता है।

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शहीद वीर नारायण सिंह योजना के अंतर्गत दिए जाने वाले ऋण तथा अनुदान-

शहीद वीर नारायण सिंह स्वालंबन योजना के अंतर्गत पात्र हितग्राही को बैंक के माध्यम से 4% साधारण ब्याज दर पर ₹150000 तक की राशि 5 वर्षों के आसान किस्तों पर दिया जाता है। नियमित भुगतान पर 75% राशि अनुदान के रूप में दिया जाता है।

शहीद वीर नारायण सिंह स्वालंबन योजना हेतु आवश्यक दस्तावेज-

  1. आधार कार्ड
  2. अंकसूची
  3. राशन कार्ड
  4. जाति प्रमाण पत्र
  5. निवास प्रमाण पत्र
  6. पासपोर्ट साइज फोटो
  7. b1 खसरा
  8. अन्य संस्था में ऋण बकाया ना होने का शपथ पत्र

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आवेदन कब, कहां और कैसे –

शहीद वीर नारायण सिंह स्वालंबन योजना के अंतर्गत आवेदन करने के इच्छुक अनुसूचित जनजाति के युवा अनुसूचित जनजाति प्राधिकरण जिला के अंतर्गत जिला अंत्यावसाई कार्यालय से आवेदन प्राप्त कर ऊपर बताए गए आवश्यक दस्तावेजों को संलग्न कर पूर्ण रूप से भरे हुए आवेदन पत्र को जिला अंत्यावसाई सहकारी समिति कलेक्टर कार्यालय में जमा कर सकते हैं।

ऋण आवंटन की शर्तें इस प्रकार है-

  1. यदि हितग्राही पात्र पाया जाता है और उन्हें ऋण स्वीकृत किया जाता है उस स्थिति में उन्हें इन बातों का ध्यान रखना होगा।
  2. हितग्राही को दुकान का स्वयं संचालन करना होगा।
  3. जिला समिति की पूर्व अनुमति के बिना आवंटित दुकान में कोई स्थाई या अस्थाई परिवर्तन नहीं कर सकेगा।
  4. निर्धारित मासिक किस्त अभ्यार्थी को देय माह के 10 तारीख के पूर्व जमा करना होगा।
  5. व्यवसाय संचालन के लिए निर्मित दुकान जिला समिति के पास बंधक किया जाना होगा जो कि ऋण अदायगी तक बंधक रहेगा।
  6. योजना प्रोत्साहन का लाभ निर्धारित क़िस्त मासिक रूप में जमा करने पर ही प्राप्त होगा अन्यथा पूर्ण ऋण मय ब्याज देय होगा।

दुकान निर्माण एजेंसी-

इस योजना के अंतर्गत हितग्राही को दुकान निर्माण करना होता है।एजेंसी के रूप में हितग्राही स्वयं या कलेक्टर के निर्णय अनुसार हितग्राही की सहमति से ग्रामीण यांत्रिकी सेवा, लोक निर्माण विभाग, हाउसिंग बोर्ड, आदिम जाति विकास विभाग निर्माण एजेंसी हो सकते हैं। अनुसूचित जनजाति बाहुल्य ग्रामों के 10 -15 किलोमीटर के दायरे में बसे अनुसूचित जनजाति बाहुल्य जनसंख्या वाले ग्रामों के हितग्राहियों को लाभ दिया जाता है। यदि 3 साल में ऋण चूका दिया जाता है तो हितग्राही को दुकान का मालिकाना हक दे दिया जाता है |

शहीद वीर नारायण सिंह योजना के अंतर्गत दिए जाने वाले प्रशिक्षण-

इस योजना के अंतर्गत व्यवसाय की सफलता के लिए व्यवसायिक प्रशिक्षण जरूरी होता है जो भी हितग्राही व्यवसाय करने के इच्छुक हैं उन्हें सफलता प्राप्त करने के लिए व्यवसायिक प्रशिक्षण लेना आवश्यक होगा , अंत्यावसायी वित्त एवं विकास निगम द्वारा इस प्रशिक्षण की व्यवस्था व्यवसाय की आवश्यकता को ध्यान में रखते हुए आ दिया जाता है।

  1. प्रशिक्षण अवधि 3 सप्ताह से 12 सप्ताह तक का हो सकता है।
  2. प्रशिक्षण मानदेय राशि ₹2000 प्रति लाभार्थी की मान से।
  3. प्रशिक्षण में ₹2000 प्रति प्रशिक्षण थी के मान से।

अनुसूचित जनजाति प्राधिकरण जिले जहाँ आवेदन किया जा सकता है –

जगदलपुर, नारायणपुर, कोंडागांव, कांकेर, दंतेवाड़ा,बीजापुर,सुकमा,सरगुजा,सूरजपुर, बलरामपुर,कोरिया,जशपुर, कोरबा( कोरबा, करतला, पाली,कटघोरा,पोड़ी )

⇒इस योजना से जुड़ी अधिक जानकारी के लिए यहाँ क्लिक करें 

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