छत्तीसगढ़ शासन की युवाओं के लिए शुरू किए गए महत्वपूर्ण योजना मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना से जुड़ी जानकारी के साथ एक बार फिर से आपका हमारे वेबसाइट पर स्वागत है। मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना एक ऐसी योजना है जिसके माध्यम से युवाओं को रोजगार हेतु ऋण मुहैया कराया जाता है, ताकि वे आत्मनिर्भर बन सके।
इस योजना की शुरुआत 2013 में की गई थी। 2013 में तत्कालीन सरकार द्वारा यह पाया गया कि स्वरोजगार योजनाओं के क्रियान्वयन ऋण की आपूर्ति हेतु बैंकों/ वित्तीय संस्थानों का उद्देश्य अपने ऋण की वसूली ही प्रमुखता होती है, इस कारण युवा वर्ग को पूर्ण प्रतिभा होने के बाद भी ऋण नहीं मिल पाता है, क्योंकि वे बैंकों को कोलेटरल सिक्योरिटी व तृतीय पक्ष की गारंटी देने में समर्थ नहीं होते हैं।
स्वरोजगार की इस समस्या के दीर्घकालीन निराकरण के लिए राज्य शासन की ओर से उन्हें आर्थिक सहायता, समर्थन, प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से तथा राज्य के युवा वर्ग को अपनी योग्यता और कार्यक्षमता के अनुरूप स्वयं स्थापित करने तथा परिवार की आर्थिक स्थिति में प्रगति के लिए इस योजना के अंतर्गत ऋण प्रदान किया जाता है।
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मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना छत्तीसगढ़-
छत्तीसगढ़ के ग्रामीण व शहरी युवा वर्ग को आर्थिक दृष्टि से स्वावलंबी एवं आत्मनिर्भर बनाने तथा उनकी क्षमता का पूर्ण उपयोग कर योग्यता के अनुसार स्वयं का उद्योग स्थापित करने हेतु इस योजना की शुरुआत की गई है |
योजना का नाम | मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना |
योजना की शुरुआत | 2013 |
इस योजना के अंतर्गत दिए जाने वाले ऋण की सुविधा | 2 लाख से 25 लाख तक |
आवेदन प्रक्रिया | ऑफ़लाइन |
आवेदन कहाँ | जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र |
मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना का उद्देश्य-
- ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों की उपभोक्ता संबंधी आवश्यकता की पूर्ति इन्हीं क्षेत्रों से करने बाबत सकारात्मक वातावरण तैयार करना।
- राज्य की युवा शक्ति को स्वरोजगार की ओर प्रेरित कर ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना।
- कृषि संबंधित सहायक उद्योग धंधों का विकास करना।
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इस योजना के अंतर्गत दिए जाने वाले ऋण –
इस योजना के अंतर्गत पात्र युवा वर्ग को निर्माण ,सेवा , व्यवसाय हेतु बैक के माध्यम से ऋण मुहैया कराया जाता है | जिसे तीन भागों में बांटा गया है –
विनिर्माण – परियोजना लागत अधिकतम 25 लाख रूपये |
सेवा उद्योग – परियोजना लागत अधिकतम 10 लाख रूपये |
व्यवसाय – परियोजना लागत अधिकतम 2 लाख रूपये |
परियोजना लागत में उद्योग हेतु भूमि की लागत राशि शामिल नहीं किया जाता है तथा स्थाई पूंजी निवेस के अंतर्गत प्रस्तावित राशि का 20 % भवन निर्माण में उपयोग किया जा सकता है |
योजना के लिए पात्रता-
♦ आवेदक छत्तीसगढ़ का मूल निवासी हो
♦ आवेदक कम से कम आठवीं पास हो।
♦ आवेदन करता का आयु आवेदन दिनांक को 18 से 35 वर्ष के बीच होना आवश्यक है।( अनुसूचित जाति /जनजाति /अन्य पिछड़ा वर्ग /महिला/ निशक्तजन /नक्सल प्रभावित परिवार के सदस्य /सेवानिवृत्त सैनिक को आयु में 5 वर्ष की छूट)
♦ एक परिवार से एक व्यक्ति ही आवेदन कर सकते हैं।
♦ आवेदक का पहले से किसी भी राष्ट्रीयकृत या वित्तीय संस्थान या सहकारी बैंकों में ऋण ना हो।
♦ आवेदक परिवार की वार्षिक आय 300000 से अधिक नहीं होना चाहिए। यदि आवेदक विवाहित है उस स्थिति में पति/ पत्नी और बच्चों का आय शामिल किया जाएगा और आवेदक अविवाहित होने की स्थिति में माता-पिता भाई-बहन की आय सम्मिलित कर जोड़ा जाएगा।
♦ आवेदक पहले से राज्य या भारत सरकार के किसी अन्य योजना के अंतर्गत अनुदान का लाभ ना लिया हो।
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मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना के लिए आवेदन कैसे करें-
♦ आवेदक द्वारा निर्धारित प्रारूप में आवेदन जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र में आवश्यक दस्तावेजों सहित प्रस्तुत करना होता है आवेदन के लिए किसी प्रकार का शुल्क नहीं लगता ।
♦ प्राप्त सभी आवेदन को पंजीबद्ध किया जाता है , अपना अपूर्ण आवेदन को पूर्ण करने के लिए जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र द्वारा आवेदक को 15 दिवस का समय दिया जाता है ।निर्धारित समय अवधि में आवेदन पूर्ण न करने पर आवेदन लौटा दिया जाता है ,इसके बाद इस पर कोई अमल नहीं किया जाता |
♦ आवेदक को आवेदन के साथ प्रस्तावित प्रोजेक्ट का फाइल भी संलग्न करना होता है ।
♦ आवेदक द्वारा प्राप्त आवेदन को जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र में टास्क फोर्स समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा टास्क फोर्स समिति आवेदन की योग्यता अनुभव तकनीकी योग्यता कौशल परियोजना की व्यावहारिकता आदि के आधार पर साक्षात्कार उपरांत अनुमोदन करता है ।
♦ अनुमोदन के बाद संबंधित प्रकरण को बैंकों को ऋण स्वीकृति हेतु अग्रेषित किया जाता है ।
♦ बैंक द्वारा 30 दिवस के भीतर प्रकरण का निराकरण कर आवेदक को सूचना दी जाता है ।
♦ योजना के अंतर्गत स्थापित उद्यम का निरीक्षण जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र के अधिकारी द्वारा किया जाता है ।
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ऋण राशि की वसूली-
♦यदि आवेदक द्वारा गलत एवं भ्रामक जानकारी की सहायता से रेल प्राप्त करता है तो समस्त राशि विधि मान्य तरीके से एकमुश्त वसूल की जा सकेगी।
♦ऋण राशि का दुरुपयोग पाए जाने की स्थिति में भी भू राजस्व बकाया की तरह वसूली की कार्यवाही भी वित्तीय संस्था द्वारा किया जा सकेगा।
♦ऋण ब्याज के पुनर भुगतान में डिफाल्टर करने की स्थिति में योजना अंतर्गत राज्य सरकार द्वारा दिए जाने वाले आर्थिक निवेश प्रोत्साहन भी भू राजस्व बकाया की तरह वसूली किया जा सकेगा उस स्थिति में भविष्य में भी दिए जाने वाली सहायता भी देय नहीं होगी।
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