हाथी दादा
हाथी दादा पास बुला लो,पीठ पर तुम हमें बिठा लो।
उत्तर- दक्षिण,पूरब-पश्चिम,चारो दिशाओं में हमें घूमा दो।।
हाथी दादा,हाथी दादा…………………………..घूमा दो।
उत्तर में हिमालय देखो,दक्षिण में कन्याकुमारी।
पुरब में सुंदरवन देखो,पश्चिम में खम्भात की खाड़ी।।
पूरा भारत घूम के आओ, हर गम तुम भुला लो..
हाथी दादा,हाथी दादा…………………………..घूमा दो।
हिन्दू देखो,मुस्लिम देखो,देखो सिख,ईसाई।
आपस मे सब मिलकर रहते,जैसे हों भाई-भाई।।
दुख-सुख के ये सब साथी, आ के गले लगा लो….
हाथी दादा, हाथी दादा………………………….घूमा दो।
सेना की पराक्रम देखो,किसानों सा कर्मठ।
आजादी के नारों से,गूंज उठा है रग रग।।
आग लगे जो सीने में, आजादी पे लुटा लो…..
हाथी दादा, हाथी दादा………………………..घूमा दो।।
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Mst hai
Nice Bhai
http://cghalbasamaj.blogspot.com
Nice poem
धन्यवाद भैया जी
धन्यवाद