छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 की धारा 49 के तहत ग्राम पंचायतों को बुनियादी कार्यों के निष्पादन की जिम्मेदारी सौंपी गई है। यह अधिनियम पंचायतों को स्वायत्तशासी निकाय के रूप में कार्य करने की शक्ति प्रदान करता है, जिससे ग्रामीण विकास को गति मिलती है।
ग्राम पंचायतों के लिए वित्तीय प्रावधान
राज्य शासन ने द्वितीय छत्तीसगढ़ राज्य वित्त आयोग की अनुशंसा को स्वीकार करते हुए, राज्य के स्वयं के शुद्ध कर राजस्व का 6.15% भाग ग्राम पंचायतों के बीच 2011 की जनसंख्या के आधार पर वितरित करने का निर्णय लिया है। इसके अंतर्गत:
- प्रदेश के अनुसूचित क्षेत्र की 5050 ग्राम पंचायतों को प्रतिवर्ष ₹2 लाख की राशि प्रदान की जाएगी।
- यह राशि पंचायतों के मूलभूत कार्यों के लिए उपयोग की जाएगी।
ग्राम पंचायतों के लिए वित्तीय प्रबंधन निर्देश
- विभागीय आदेश क्रमांक 349, दिनांक 13.07.2017 के अनुसार, 31 स्वीकृत कार्यों की सूची जारी की गई है, जबकि 12 कार्यों पर प्रतिबंध लगाया गया है।
- विभागीय आदेश क्रमांक 74, दिनांक 26.02.2014 के तहत, पंचायतों को आवंटित राशि 10 दिनों के भीतर इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से ट्रांसफर करने के निर्देश हैं।
मूलभूत कार्यों के लिए प्रतिबंधित व्यय
प्रतिबंधित कार्य |
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धार्मिक स्थलों के निर्माण/मरम्मत पर |
स्वागत द्वार या शिलान्यास/लोकार्पण कार्यक्रमों पर |
व्यक्तिगत सहायता या अनुदान देने पर |
पंचायत स्तर पर विज्ञापन या प्रचार-प्रसार पर |
टेलीविजन, मोबाइल फोन, एलसीडी आदि की खरीद पर |
उच्च अधिकारियों के मौखिक आदेश पर |
सरकारी भवनों में तड़ित चालक (लाइटनिंग अरेस्टर) लगाने पर |
मूलभूत कार्यों के लिए प्रतिबंधित व्यय
ग्राम पंचायतों को अनुदान राशि के उपयोग में कुछ प्रतिबंध लगाए गए हैं। यह राशि निम्नलिखित कार्यों में खर्च नहीं की जा सकती:
- धार्मिक स्थलों के निर्माण/मरम्मत पर
- स्वागत द्वार या शिलान्यास/लोकार्पण कार्यक्रमों पर
- व्यक्तिगत सहायता या अनुदान देने पर
- पंचायत स्तर पर विज्ञापन या प्रचार-प्रसार पर
- टेलीविजन, मोबाइल फोन, एलसीडी आदि की खरीद पर
- उच्च अधिकारियों के मौखिक आदेश पर
- सरकारी भवनों में तड़ित चालक (लाइटनिंग अरेस्टर) लगाने पर
ग्रामसभा अनुमोदित कार्य
अनुमोदित कार्य | अधिकतम व्यय सीमा |
नल जल योजना, हैंडपंप सुधार, व नालियों का निर्माण | कोई सीमा नहीं |
ग्रामीण सचिवालय और पंचायत कार्यालय संचालन हेतु सामग्री क्रय | ₹5000 प्रतिवर्ष |
अनुसूचित जाति/जनजाति बाहुल्य क्षेत्रों में स्ट्रीट लाइट कनेक्शन | कोई सीमा नहीं |
पंचायत संपत्तियों की मरम्मत व रंगरोगन | अन्य स्रोतों से राशि न हो |
महामारी/प्राकृतिक आपदाओं की रोकथाम | ₹5000 तक |
नशा मुक्ति कार्यक्रम | ₹500 तक |
कुपोषण मुक्ति कार्यक्रम | ₹1000 तक |
सार्वजनिक स्थानों की सफाई और कूड़ेदान की स्थापना | ₹25000 प्रति बार, ₹50000 प्रति वर्ष |
ग्रामसभा प्रचार-प्रसार व आयोजन | ₹2000 तक |
पशु चिकित्सा शिविर | कोई सीमा नहीं |
संकुल स्तरीय खेलकूद आयोजन | अन्य स्रोतों से राशि न हो |
स्कूलों में अध्ययनरत बच्चों के लिए पेयजल व्यवस्था | कोई सीमा नहीं |
ई-पंचायत से संबंधित खर्च | कोई सीमा नहीं |
पंचायत भवनों में राष्ट्रीय नेताओं के चित्र लगाने का प्रावधान | कोई सीमा नहीं |
सड़कों की मरम्मत व वर्षाकाल के बाद मुरुमीकरण | ₹10000 तक |
छत्तीसगढ़ मुख्यमंत्री आबादी पट्टा योजना
निष्कर्ष
छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 के तहत ग्राम पंचायतों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाकर ग्रामीण विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है। पंचायतों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता का उपयोग पारदर्शी तरीके से किया जाना आवश्यक है, जिससे ग्रामीण क्षेत्र में बुनियादी सुविधाएं बेहतर हो सकें।
FAQs (अक्सर पूछे जाने वाले सवाल)
Q1: छत्तीसगढ़ पंचायत राज अधिनियम 1993 क्या है?
Ans: यह अधिनियम ग्राम पंचायतों को स्वायत्तशासी निकाय के रूप में कार्य करने की शक्ति प्रदान करता है और ग्रामीण विकास को गति देता है।
Q2: ग्राम पंचायतों को कितनी वित्तीय सहायता मिलती है?
Ans: राज्य के कुल कर राजस्व का 6.15% ग्राम पंचायतों में वितरित किया जाता है, जिसमें अनुसूचित क्षेत्रों की 5050 पंचायतों को प्रतिवर्ष ₹2 लाख मिलते हैं।
Q3: कौन-कौन से कार्य ग्राम पंचायत अनुदान से नहीं कर सकती?
Ans: धार्मिक स्थलों के निर्माण, स्वागत द्वार, शिलान्यास समारोह, व्यक्तिगत सहायता, प्रचार-प्रसार, टीवी या मोबाइल खरीद, और उच्च अधिकारियों के मौखिक आदेश पर खर्च प्रतिबंधित है।
Q4: पंचायतों को कौन-कौन से कार्यों के लिए धनराशि खर्च करने की अनुमति है?
Ans: पानी की व्यवस्था, सड़कों की मरम्मत, स्वच्छता, सार्वजनिक भवनों की मरम्मत, स्ट्रीट लाइट, महामारी रोकथाम, खेलकूद, पशु चिकित्सा शिविर और ई-पंचायत से संबंधित कार्यों के लिए खर्च किया जा सकता है।
Q5: ग्रामसभा अनुमोदन के बिना पंचायत क्या कोई कार्य कर सकती है?
Ans: नहीं, सभी खर्च ग्रामसभा के अनुमोदन के बाद ही किए जा सकते हैं।
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