छत्तीसगढ़ी राउत नाचा दोहा संग्रह 

ये चित्रकूट के घाट में ,भय सन्तन के भीड़ हो ।   तुलसी दास चन्दन घिसय ,अउ तिलक लेत रघुबीर हो।।

अड़गा टूटे बड़गा टूटे, अउ बीच म भूरी गाय हो।   उहां ले निकले नन्द कन्हैया, भागे भूत मसान हो।।

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