बाल कहानियाँ बच्चों के लिए बहुत ही उपयुक्त होती है। बाल कहानियाँ चित्रों से युक्त होना चाहिए क्योंकि रंग-बिरंगी चित्र बच्चों को आकर्षित करता है। चित्रयुक्त कहानी बच्चों में तर्क शक्ति का विकास करता है।बच्चा जब चित्रों को देखता है तब वह चित्र के माध्यम से आगे की घटनाओं का अनुमान लगाता है।
बाल कहानियाँ बच्चे के परिवेश से सम्बंधित होना चाहिए ।बच्चा कहानी के पात्र आदि से पूर्व परिचित होना चाहिए।
आम और चींटी
बहुत पहले की बात है। लाल चीटियों का एक झुण्ड भोजन की तलाश में जंगल की ओर जा रहा था ,अचानक मौसम बदला और बारिश होने लगी ।
सभी चीटियाँ भींगने लगीं,आस-पास छिपने के लिए कुछ भी नही था। कुछ दूरी पर आम का एक पेंड़ था,सभी लाल चीटियाँ भींगते-भींगते आम के पेंड़ के पास पहुँचीं और पेड़ से छिपने के लिए जगह देने का आग्रह करने लगीं।
पेड़ को दया आ गया और चींटियों को छिपने के लिए जगह दे दिया। चीटियां पेड़ पर चढ़ तो गई थीं ,फिर भी भींग ही रहीं थीं। चींटियों को एक उपाय सूझा, उन्होंने आम के पत्तियों को आपस मे चिपकाकर छिप गईं।
कुछ समय बाद जब पानी गिरना बन्द हो गया ,तब सभी चीटियाँ जाने ही वालीं थीं तभी एक लकड़हारा वहां आया, वह जंगल मे लकड़ी काटने जा रहा था।रास्ते मे आम के फल को देखकर आम तोड़ने के मक़सद से पेंड़ पर चढ़ गया।
आम डाली के दूर-दूर में थे, आसानी से नही मिल रहा था। लकड़हारे को एक युक्ति सूझा और वह डाली को काटने लगा क्योंकि उसको लगा कि आम को पाने का इससे आसान तरीका और कोई नहीं हो सकता।
जैसे ही पेंड़ को कुल्हाड़ी से काटना शुरू किया,पेड़ को दर्द होने लगा और दर्द से कराहने लगा ।पेड़ के कराहने की आवाज सुनकर चींटियाँ पत्तियों से बाहर निकलीं और लकड़हारे को काटने लगीं ।लकड़हारा जान बचाकर भाग निकला।
चींटियों के इस उपकार के लिए आम के पेड़ ने धन्यवाद कहा और आग्रह किया कि लाल चींटियाँ आम के पेड़ पर ही रहें,छोड़ कर न जाएं।तब से लेकर आज तक लाल चींटियाँ ज्यादातर आम के पेड़ पर ही रहती हैं।
इस कहानी से यह शिक्षा मिलती है कि यदि हम विपत्ति आने पर किसी का मदद करते है, तो समय आने पर वो भी हमारा मदद जरूर करता है ,इस लिए हमें हमेशा एक दूसरे का मदद करना चाहिए।पेंड़ पौधों को कभी काटना नही चाहिए,वो भी हमारी तरह दर्द का अनुभव करते हैं।
दोस्तों यह बाल कहानी आप लोगों को कैसा लगा कमेंट के माध्यम से जरूर अवगत कराना।बाल कहानी आम और चींटी अच्छा लगा हो तो जरूर करना।